15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2021, हर साल बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, Independence Day के दिन मंच संचालन करने के लिए कविता, शायरी, भाषण और देश भक्ति
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2023, हर साल बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, Independence Day के दिन मंच संचालन करने के लिए कविता, शायरी, भाषण और देश भक्ति के गीत आपको बोलने होते है, और जो आजादी हमने पाई है वो कैसे हमने हासिल की उसके लिए कितने लोगो ने अपने प्राण देश पर निछावर कर दिए, ये सब हमें स्कूल में या किसी भी स्टेज पर जहाँ हम बोल रहे होते है वहा पर बोलना होता है, हमारे देश के हीरो सीमाओं पर पहरा देते है, हम उनका सम्मान करते है, उनके बारे में उनके बलिदानों और वीरता के बारे में बताते है, तो आइये जानते है और 15 अगस्त के लिए तयारी करते है.
15 अगस्त 2021 कब है / Independence Day 2021
2021 में
15 अगस्त रविवार को है, हर साल ये
स्वतंत्रता दिवस दिन अगस्त महीने की 15 तारीख को ही आता है, बस वार बदल सकता है, इस तारीख को जो भी वार हो उससे फर्क
नहीं पड़ता, ये तारीख महत्तवपूर्ण है.
15 अगस्त स्वतंत्रता दिन का इतिहास
1947 को 15
अगस्त के रात को स्वतंत्रता प्राप्त हुई और हमने हमारे पहले प्रधानमंत्री के रूप
में जवाहर लाल नेहरु को पाया था.
स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते है पर भाषण
स्वतंत्रता
दिवस, जैसा की नाम से ही पता चलता है की ये दिन हम आजाद हुए इसलिए मनाते है, लेकिन इसके पीछे कड़ी मेहनत और कई
बलिदानों व हमारे स्वतंत्रता सैनानियो के मजबूत इरादों और हौसलों के बलबूते पर
मिली है, आज भले ही हम खुश हो रहे हो की हम
आजाद है, आजादी की सांस लेते है लेकिन इसके
लिए हमारे पूर्वजो ने जो बलिदान दिए वो भुलाए नहीं जा सकते, हो सकता है की आप और हम इस बात को
नहीं समझ सकते है की क्या हालात रहे होंगे उस वक्त जब अंग्रेजो ने हम पर राज किया
था.
हमारे वो सवतंत्रता सैनिक
वो देशभक्त जिन्होंने अपना घर परिवार सब छोड़ दिया और भारत माता के चरणों में अपना
जीवन समर्पित कर दिया, वो सच्चे सपूत थे माँ भारती के, लाडले थे अपनी माओ के मगर कुर्बान हो गए इस देश पर, क्यों क्योकि वो गुलामी का जीवन उन्हें कत्तई पसंद नहीं
था, वो नहीं चाहते थे की भारत माता के आंचल पे कोई हाथ डाले, वो नहीं चाहते थे की आने वाली पीढ़ी इसी गुलामी के तले
जीये, इसलिए खुद को मिटा के भी वो हमारे लिए आजादी के रास्ते
खोल गए, वो ऐसा काम कर गए जिन्हें हम कभी भुला नहीं सकते.
आज हमारे प्रधान मंत्री
श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी, तिरंगा फहरा के देश को
सम्भोधित करेंगे, और देश के विकास के लिए जो कार्य किए गए और जो करने है
उनपे चर्चा करेंगे, और आज आप और हम भी अपने जांबाज हीरो जो सीमाओं पर लड़ते
है हमारे खातिर, उन्हें सलाम करते है, और प्रणाम करते है
उन्हें जिन्होंने हमें ये आजादी दिलाई, साथ ही ये प्रण भी हम
लेते है की अगर देश पे कोई मुसीबत आए तो हम अपना सहयोग देंगे. जय हिन्द वन्दे
मातरम.
देशभक्ति की शायरी 15 अगस्त के लिए
मैं
अपने प्राण लुटा दूँ, इस
तिरंगे की आन में
ताक
रही है सारी दुनियां, आज
हिंदुस्तान में
आजादी
का पर्व सुहाना, आज
मनाते हम सारे
लेकिन
इसका मोल छुपा है, वीरो
के बलिदान में
हाथ
तिरंगा लेकर सबसे, आगे
चला जवान
तिन
रंग का ध्वज हमारा, है
भारत की शान
चक्र
सिखाता चलते जाना, रुकना
कहीं न यारो
सत्य
शांति अहिंसा जिसमे, है
भारत देश महांन
सदा
गगन में जो लहराए, आसमान
को चूमे
देख
देख अल्हड़ता इसकी, ख़ुशी
में मन झूले
शान
ए तिरंगा कहलाता, भारत
का सरताज
देशप्रेम
का ये है प्रतिक, वंदन
करके छू ले
देशप्रेम
की ज्योति जिनके, दिल
में जला करती है
चिर
के देखू सीना तो, भारत
की तस्वीर मिला करती है
खेलते
है वो खून की होली, खाकर
सिने पर गोली
मिलता
कफ़न तिरंगा जिनकी, तक़दीर
खिला करती है
वतनपरस्ती
जिनके लहू में, देशप्रेम
की बाते है
वन्दे
मातरम् और जय हिन्द, हरदम
ही जो गाते है
जिनका
रिश्ता भारत माँ से, सीमाओं
से नाते है
सलाम
उन्हें है लख लख मेरा, जो
परचम लहराते है
जिनकी
रगों में खून नहीं, बारूद
बहा करता है
कफ़न
तिरंगा हो मेरा जो, हरपल
तमन्ना करता है
वो
है सिपाही भारत का जो, सीमा
पे पहरा देता है
कभी
झुके न शान ए भारत, यही
कामना करता है
देश
हमारा शांति वाला, सब
देशो में सबसे आला
जन्म
मिला इस माटी पर, इस
धरती ने हमको पाला
यहाँ
हुए श्री राम हमारे, यहाँ
बंसी बजाए गोपाला
पावन
पूज्य है ये भूमि, इसका
गुण है बड़ा निराला
सपूत
यहाँ पर ऐसे है जो, माटी
का कर्ज चुकाते है
करते
है वंदन पहले फिर, घर
से बाहर जाते है
रोज
ही जो खतरों से खेले, सौ
सौ वार सिने पर झेले
सांस
आखरी तक लड़े जो, तनिक
नहीं घबराते है
सलाम
तुम्हे हे वीर जवानों, तुम
से हिन्द की शान है
जान
हथेली पर रखते जो, तुमसे
हमारी आन है
तुम
हो साथी तुम ही संगी, तुम
ही मेरे यार हो
लाल
हो वीर बहादुर तुम, तुमसे
बढ़ता मान है
भारत
माता तुम्हे पुकारे, कहाँ
हिन्द के लाल है
कहा
है वो महाराणा और, कहा
भाला ढाल है
कहा
शिवा की है तलवार, कहा
टैगोर और बाल है
भारत
के कोहिनूर कहाँ, कहा
भारत के लाल है
खोज
रही है तुम्हे निगाहें, तुमको
नजरे ढूंढ रही
भगत
सिंह आजाद बोस को, माँ
की नजरे चूम रही
गली
गली में एक ही नारा, गूँज
उठा है हर घर में
हर
दिल में जो आज बसे, हर
पल में जिनकी धूम रही
कण
कण से वो खून पुकारे, भारत
के रखवाले आ
सर
पे कफ़न बाँध चले जो, आजादी
के मतवाले आ
सरहद
के जो है मसीहा, रक्षक
जिनका नाम है
नमन
तुम्हे है हम सबका, यार
मेरे दिलवाले आ
यहाँ पर लिखी गई सभी शायरियो एवं कविताओ के लेखक है
गीतकार हितेश चौधरी हम इनका धन्यवाद करते है.
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