चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफल लैंडिंग ने सारे विश्व में तिरंगे का मान बढाया है, साथ ही भविष्य के लिए एक सुनहरा सपना देखने का जोश भर दिया है
Chandrayaan 3 Speech for Students
चंद्रयान 3 चन्द्रमा पर उतर चूका है और अभी हाल फ़िलहाल ये ट्रेंडिंग टॉपिक होने के साथ ही, भारत के लिए और हर हिन्दुस्तानी के लिए बड़े गर्व की बात है की, हमने चन्द्रमा पर पहुच कर सारी दुनियां की नजरो में भारत का नाम ऊँचा कर दिया है.
चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की सफल लैंडिंग ने सारे विश्व में तिरंगे का मान बढाया है, साथ ही भविष्य के लिए एक सुनहरा सपना देखने का जोश भर दिया है, आज मैं आपके लिए एक बिलकुल नया भाषण इसी विषय पर लाया हूँ, जो आप स्कूल या किसी भी मंच पर बोल सकते है, क्योकि ये टॉपिक नया है तो लोग भी सुनना पसंद करेंगे, क्योकि आजकल इसी पे चर्चा हो रही है, तो शुरू करते है आज का भाषण, आप सबको इस मिशन के कामयाब होने की बधाई, जय हो.
चंद्रयान 3 पर भाषण
नमस्कार मित्रो, आदरणीय प्रधानाचार्य जी एवं तमाम शिक्षको को मैं प्रणाम करता हूँ, और बधाई देता हूँ आज के इस शुभ दिन की, जिसे हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते है.
गुरुओ का सम्मान और आदर करना यही हमारी संस्कृति और सभ्यता है, सदियों से हमने गुरु को भगवान से भी बड़ा माना है, हमारी जिंदगी में पहले गुरु माता पिता और उसके बाद शिक्षक होते है, जो हमे जीवन पथ पर चलना सिखाते है, जीवन जीना सिखाते है, और कुछ बनने का और जीवन में कुछ अच्छा करने का रास्ता दिखाते है.
टीचर हमें सिखाते है पढ़ाते है, लेकिन हमारा भी कुछ मन होना चाहिए तभी हम पढ़ सकते है, नजर उठाकर देखो तो हर तरफ ज्ञान बिखरा पड़ा है, लेकिन उसमे से उसे ढूँढना पड़ता है, जैसे की आपने सुना होगा की चंद्रयान 3 ने चन्द्रमा पर सफल लैंडिंग कर लिए है, उसके लिए मैं आप सबको फिर से बधाई देता हूँ, की हमारे देश के वैज्ञानिको ने वो कर दिखाया जिसे दुनिया में आज तक कोई नहीं कर पाया, आप सोच रहे होंगे की टीचर डे पे चंद्रयान की बात क्यों, लेकिन इससे हमने क्या सिखा ये जानना बहुत जरुरी है.
जिस तरह isro ने चंद्रयान को चाँद पर भेजा उसी तरह ये हमारे शिक्षक हमे पढ़ाते है, मेहनत करते है, और हमें एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजते है, लेकिन हमें भी अपने अन्दर जिज्ञासा पैदा करनी होगी, कुछ खोजने की, कुछ हासिल करने की, कुछ पाने की.
अब मैं एक उदाहरण के तहत आपको समझाने की कोशिस करता हूँ, मान लो की हमारा सर चंद्रयान है, हमारा दिमाग चंद्रयान है, लेकिन उसमे से हमे प्रज्ञान रोवर को बाहर निकालना होगा, तभी हम सफलता पूर्वक नई खोजो के जरिए कुछ हासिल करते हुए आगे बढ़ पाएंगे.
दिमाग चंद्रयान है तो हमारी सोच प्रज्ञान रोवर है, शिक्षको ने हमें आगे पंहुचा दिया लेकिन अब हमारी बारी है की हम भी मेहनत करे और उनकी मेहनत को साकार करे.
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