गर्जन जिनकी बातों में थी, हुंकार वाणी की ध्वनि में थी चाल चीते सी शिवा की, झंकार जानो अग्नि सी
Chhatrapati Shivaji Jayanti
गर्जन जिनकी बातों में थी, हुंकार वाणी की ध्वनि में
थी चाल चीते सी शिवा की, झंकार जानो अग्नि सी
ऐसे रणवीर मराठा वीर शिवाजी को शत शत नमन करते हुए हम आज जानेंगे की इस वर्ष
शिवाजी जयंती कब है, और क्यों मनाते है हम शिवाजी जयंती क्या था ऐसा उनमे जो आज
भी हम उनको याद करते है, और उनका गुणगान पुरे शान से करते है.
वीर शिवाजी एक ऐसे योद्धा जिन्होंने मुगलों से लोहा लिया, और अपने साम्राज्य
की स्थापना की, वो वीर मराठा कभी झुका नहीं, न ही कभी हार मानी, बस अपने एकछत्र
साम्राज्य के लिए अंत समय तक लड़ाई लड़ते रहे.
ऐसे रणबांकुरे जो इतिहास के पन्नो में है, मगर हमारे दिलो में आज भी जिन्दा
है, और हमेशा रहेंगे, क्योकि उन्ही की बदौलत हम आज चैन की सांस ले पा रहे है,
वो सम्मान वो आदर हमेशा हमारे दिलो में उनके प्रति रहेगा.
छत्रपति शिवाजी जयंती कब है
छत्रपति शिवाजी जयंती महाराष्ट्र क्षेत्र के साथ साथ देश भर के विभिन्न
क्षेत्रो में भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है, शिवाजी महाराज का जन्म
महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में, पुणे में हुआ था.
शिवाजी का जन्म 1630 को 19 फरवरी के दिन हुआ था, ये दिन महाराष्ट्र के साथ ही
पूर्ण भारतवर्ष के लिए भी महत्त्वपूर्ण है, क्योकि जिन्होने आजादी के लिए अपनी
मातृभूमि के लिए जंग लड़ी, वो माँ भारती का लाल कोई आम तो हो ही नहीं सकता, वो
तो किसी शेरनी की कोख से जन्मा कोई शेर ही हो सकता है, और वो थे शिवाजी
महाराज.
ऐसा शक्तिशाली राजा जो अपनी धरती और प्रजा के लिए जीवन भर बस युद्ध लड़ता रहा,
हम उनको नमन करके श्रद्धांजलि अर्पित करते है.
शिवाजी महाराज को अजेय राजा माना जाता है, उन्होंने ही मराठा साम्राज्य की नीव
रखी थी.
कौन थे शिवाजी शिवाजी का इतिहास
कहते है की शिवाजी महाराज ने सिर्फ 16 वर्ष की आयु में ही पहली जीत हासिल कर
ली थी, टोमा किले पर कब्ज़ा करके अपनी पहली जीत दर्ज करवाई थी, वही 17 साल की
उम्र में जहाँ खेलने कूदने के दिन होते है, उन्ही दिनों में कोंडाना किलो और
रायगढ़ का अधिग्रहण किया.
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शिवाजी की लडाईया
शिवाजी ने अपने जीवन काल में बहुत सी लडाईया लड़ी और जीत हासिल की जिनमे से कुछ
का वर्णन यहाँ किया जा रहा है.
टोमा किला, कोंढाना किला और अफजल खान से लड़ी गई लडाईया, पावन खिंडी,
कोल्हापुर, विशालगढ़ जैसी कई लड़ाई लड़ी.
शिवाजी का जीवन
शिवाजी की जीवनी के बारे देखे थो उन्होंने साम्राज्य के विस्तार के लिए,
सोयराबाई, पुतालबाई, साईबाई और काशीबाई से विवाह किया था.
शिवाजी के पुत्र संभाजी साईबाई से तथा एव तीन बेटिया अम्बिका बाई, रनुबाई और
सखुबाई थी.
वही सोयराबाई से पुत्र राजाराम और पुत्री दीपाबाई थी, सगुनाबाई से पुत्री राज कुंवरबाई थी, सकवर बाई से पुत्री कमलाबाई थी.
छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु
3 अप्रैल 1680 को सिर्फ 52 वर्ष की उम्र में, तेज बुखार एवं पेचिश के कारणवश
हुई थी, तब वे रायगढ़ में थे, कुछ अन्य स्रोतो का कहना ये भी है की उनकी मृत्यु
किसी साजिश के तहत हुई थी, ये अब भी एक रहस्य है जो उजागर नहीं हुआ.
शिवाजी जयंती उत्सव
इस दिन कई जगहों पर जुलुस निकाला जाता है, झाँकिया बनाई जाती है, कई कलाकार
इसमें अपनी कलाकारी दिखाते है, नृत्य संगीत और नारों से एक भव्य नजारा बनता
है.
शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्प हार चढ़ाकर श्रद्धांजलि दि जाती है, और इस
शानदार व भव्य दिन को यादगार बनाया जाता है.
शिवाजी का राज्याभिषेक
1674 में शिवाजी ने महाराष्ट्र में राज्य की स्थापना की, और शिवाजी का
राज्याभिषेक हुआ, शिवाजी के राज्याभिषेक में भी कई कठिनाइया आई, कई लोगो ने
इसका विरोध भी किया.
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