ऐसे वीर पुरुषो की गाथाए हमारे सामने आती है, जो हमें गर्वान्वित करती है, पश्चिम भारत के छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) वीरता की
Chhatrapati Shivaji Maharaj - छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
भारत का इतिहास उठाकर देखे तो कई ऐसे वीर पुरुषो की गाथाए हमारे सामने आती है, जो हमें गर्वान्वित करती है, पश्चिम भारत के छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) वीरता की अद्भुत एवं अवर्णनीय महान विभूतियों में से एक है।
मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले और मुगल साम्राज्य की जड़े हिलाने वाले महान शिवाजीराजे भोसले भारत माता के ऐसे बेटे जिन्होंने हमेशा लोककल्याण और देशहित का कार्य किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज - Chhatrapati Shivaji Maharaj
19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में जन्मे शिवाजी के पिता का नाम शहाजीराजे भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था, भारत में एक महान शक्ति का जन्म हो चूका था, शिवाजी के पिता बहुत शक्तिशाली सामंत राजा थे।
शिवाजी के परिवार में उनके बड़े भाई संभाजीराजे थे, शिवाजी बहुत ही प्रतिभाशाली थे, उन्होंने राजनीति और युद्ध की शिक्षा ली, वे माता जीजाबाई से हर विषय पर चर्चा करके हर बात को समझने का प्रयास करने लगे, बचपन से ही उनके मन में देश के लिए देशप्रेम जाग गया था।
शिवाजी महाराज की वीरता इसी बात से झलकती है की, जब 1664 के साल तक शिवाजी ने लगभग सारे प्रदेशो पर अपना अधिकार कायम कर लिया था, जो पुरंदर संधि में मुगलो के अधीन हो गए थे।
स्वतंत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के बाद शिवाजी महाराज राज्याभिषेक करने की तैयारी करने लगे, लेकिन मुगलो ने सभी ब्राह्मणो को धमकाया की जो भी शिवाजी का राज्याभिषेक करेगा उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा।
सभी ब्राह्मण डर के मारे शिवाजी का राजतिलक नहीं कर रहे थे, ये बात जब शिवाजी महाराज को पता चली तो, उन्होंने कहा की अब तो मेरा राजतिलक तभी करवाऊंगा जब मैं अपने यहाँ से नहीं बल्कि मुगलो के अधीन राज्यों से ब्राह्मणो को लाऊंगा।
तब उन्होंने काशी में अपने दूत भेजे, काशी उस वक्त मुगलो के अधीन था, वहां के ब्राह्मण तैयार हुए उन्हें मुगलो ने पकड़ लिया लेकिन अपनी चालाकी से वो बच निकले और आखिरकार वो ब्राह्मण रायगढ़ पहुंच गए और शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया।
छत्रपति शिवाजी chatrapati shivaji maharaj
छत्रपति शिवाजी महाराज को एक कुशल राजा के रूप में देखा जाता है, भारतीय इतिहास में उनका नाम हमेशा सम्मान के साथ लिया जाता है, उन्होंने हमेशा प्रजा के हितो के लिए काम किया, देश के लिए काम किया, धर्म के लिए काम किया और ये बात उनके राजमुद्रा पे लिखे वाकय से भी झलकता है।
उनकी राजमुद्रा पे अंकित वाक्य इस प्रकार था -
प्रतिपच्चंद्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववंदिता शाहसुनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते
ये संस्कृत में लिखा हुआ था और इसका मतलब होता है की, जिस तरह बाल चन्द्रमा धीरे धीरे से बढ़ता जाता है और सारे विश्व द्वारा वंदनीय होता है, उसी तरह से शाहजी के पुत्र शिव की ये मुद्रा भी बढ़ती जाएगी
ऐसे महान विचारो वाले शिवाजी महाराज एक ऐसे हिन्दू शासक थे जिन्होंने सदा जनहित कार्य किया, उन्होंने हमेशा शिक्षा और हिन्दू संस्कृति के विकास के लिए कार्य किया।
Chatrapati Shivaji Maharaj Photo शिवाजी महाराज फोटो
यहाँ पर हम कुछ अति दुर्लभ शिवाजी महाराज और उनसे जुड़े कुछ फोटो दे रहे है, जिनसे आपको उस काल की महानता का पता चलेगा, साथ ही आप खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे की आपने भी उसी भूमि पे जन्म लिया है जहाँ पर ऐसे महान शूरवीरो ने जन्म लिया।
chatrapati shivaji images
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी को मनाई जाती है, इस वर्ष ये 19 फरवरी रविवार 2023 को है।
शिवाजी के पुत्र का नाम क्या था
शिवाजी महाराज के पुत्र का नाम संभाजी था ये उनके बड़े बेटे थे, उनका दूसरा पुत्र राजाराम था जो उनकी दूसरी पत्नी से था।
Read More [Shivaji Jayanti ##book##]
शिवाजी महाराज का इतिहास shivaji maharaj history in hindi
प्रमुख तिथियां और घटनाएं
- 19 फरवरी 1630 : शिवाजी महाराज का जन्म।
- 14 मई 1640 : शिवाजी महाराज और साईबाई का विवाह
- 1642: शिवाजी और सोयाराबाई का विवाह
- 1646 : शिवाजी महाराज ने पुणे के पास तोरण दुर्ग पर अधिकार कर लिया।
- 1656 : शिवाजी महाराज ने चन्द्रराव मोरे से जावली जीता।
- 10 नवंबर, 1659 : शिवाजी महाराज ने अफजल खान का वध किया।
- 5 सितंबर, 1659 : संभाजी का जन्म।
- 1659 : शिवाजी महाराज ने बीजापुर पर अधिकार कर लिया।
- 6 से 10 जनवरी, 1664 : शिवाजी महाराज ने सूरत पर धावा बोला और बहुत सारी धन-सम्पत्ति प्राप्त की।
- 1665 : शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के साथ पुरन्धर शांति सन्धि पर हस्ताक्षर किया।
- 1666 : शिवाजी महाराज आगरा कारावास से भाग निकले।
- 1667 : औरंगजेब राजा शिवाजी महाराज के शीर्षक अनुदान। उन्होंने कहा कि कर लगाने का अधिकार प्राप्त है।
- 1668 : शिवाजी महाराज और औरंगजेब के बीच शांति सन्धि
- 1670 : शिवाजी महाराज ने दूसरी बार सूरत पर धावा बोला।
- 1670: राजाराम का जन्म
- 1674 : शिवाजी महाराज ने रायगढ़ में 'छत्रपति'की पदवी मिली और राज्याभिषेक करवाया । 18 जून को जीजाबाई की मृत्यु।
- 680 : शिवाजी महाराज की मृत्यु।
COMMENTS